पॉइंट ऑफ़ व्यू

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00:06:39

ईसाई ग़ुलाम अद्दास का इस्लाम स्वीकार करना

ईसाई ग़ुलाम अद्दास का इस्लाम स्वीकार करनाप्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।नबी (सल्ल.) के मक्का में रहते हुए यह आख़िरी साल था। मक्का के सरदारों और धनाढ्य लोगों को दिलों पर मानो मुहर लग गई थी। उन्हें...
00:05:44

अल्लाह के रसूल (सल्ल.) मुश्किलों के घेरे में || SADAA Times

अल्लाह के रसूल (सल्ल.) मुश्किलों के घेरे मेंप्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम। हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) जो सारे संसार के लिए सर्वथा दयालुता बनाकर भेजे गए थे, उन्हें मक्का में भी और मक्का के बाद मदीना में...
00:01:21

हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी || Dr Allama Iqbal

حیا نہیں ہے زمانے کی آنکھ میں باقی خدا کرے کہ جوانی تری رہے بے داغ हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी खुदा करे की जवानी तेरी रहे बे-दाग़Hayaa nahi hai zamaane ki aankh mein baaqi khuda kare ki jawaani...
00:06:15

हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) और अबू-तालिब का इन्तिक़ाल

हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) और अबू-तालिब का इन्तिक़ालबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।नबी (सल्ल.) का आन्दोलन आगे बढ़ता जा रहा था। सद्बुद्धि रखनेवाले लोग धीरे-धीरे इस्लाम के दायरे में दाख़िल हो रहे थे।...
00:01:30

यह इल्म, यह हिक्मत, यह तदब्बुर, यह हुकूमत! || Dr Allama Iqbal

یہ علم، یہ حکمت، یہ تدبّر، یہ حکومت! پیتے ہیں لہُو، دیتے ہیں تعلیم مساوات यह इल्म, यह हिक्मत, यह तदब्बुर, यह हुकूमत! पीते हैं लहू, देते हैं तालीमे मसावातYeh ilm, yeh hikmat, yeh tadabbur, yeh hukoomat! pete hain lahu, dete hain...
00:06:34

अल्लाह के रसूल (सल्ल.) का सामाजिक बहिष्कार

अल्लाह के रसूल (सल्ल.) का सामाजिक बहिष्कारबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको,अल्लाह के रसूल (सल्ल.) की पैग़म्बरी का सातवाँ साल था और क़ुरैश का विरोध बढ़ता जा रहा था, क्योंकि वे देख रहे थे कि सकारात्मक सोच और...
00:01:30

ज़ाहिर में तिजारत है, हकीकत में जुवा है || Dr Allama Iqbal

ظاہر میں تجارت ہے، حقیقت میں جُوا ہے سود ایک کا لاکھوں کے لیے مرگِ مفاجات ज़ाहिर में तिजारत है, हकीकत में जुवा है सूद एक का लाखों के लिए मर्गे मुफाजात Zaahir mein tijaarat hai, haqeeqat mein juwa hai sood ek ka...
00:07:59

हज़रत उमर (रज़ि.) का इस्लाम क़ुबूल करना

Umar Embraces Islam || Maulana Ejaz Ahmed Aslam || SADAA Timesहज़रत उमर (रज़ि.) का इस्लाम क़ुबूल करनाबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको, आज हम हज़रत उमर (रज़ि.) के इस्लाम स्वीकार करने के बारे में सुनेंगे। अल्लाह के रसूल...
00:05:54

जाफ़र तय्यार (रज़ि.) नज्जाशी के दरबार में

जाफ़र तय्यार (रज़ि.) नज्जाशी के दरबार मेंबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।यह सन् 5 नबवी का ज़िक्र है— हिज्री साल का मतलब होता है कि नबी (सल्ल.) के हिजरत करने के बाद...
00:05:49

अब्दुल्ला-बिन-मसऊद (रज़ि.) का साहस

अब्दुल्ला-बिन-मसऊद (रज़ि.) का साहसबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की पैग़म्बरी का सातवाँ वर्ष था। इस्लाम का सन्देश लगातार फैलता जा रहा था और मक्का के बड़े लोग बहुत परेशान...

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जमाअत के महिला विंग द्वारा ‘सीमाओं से परे देखभाल: एक बेहतर समाज की ओर’ विषय पर वेबिनार का आयोजन

नई दिल्ली, 18 नवंबर 2025: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय महिला विंग ने “सीमाओं से परे देखभाल: एक बेहतर समाज...
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