पॉइंट ऑफ़ व्यू
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) का सौदेबाज़ी से इनकार
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) का सौदेबाज़ी से इनकारप्रिय दर्शको,आज उत्बा-बिन-रबीआ, जो कि मक्का का एक बड़ा सरदार था, उससे जुड़ी कुछ बातें आपके सामने पेश की जाएँगी।इस्लाम का सन्देश धीरे-धीरे फैलता जा रहा था। मक्का के बड़े-बड़े सरदार और...
डॉ. अल्लामा इकबाल
नक़श हैं सब नातमाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर || Dr Allama Iqbal
نقش ہیں سب ناتمام، خونِ جگر کے بغیر
نغمہ ہے َسودائے خام، خونِ جگر کے بغیر
नक़श हैं सब नातमाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर
नग़मा है सौदाए खाम, ख़ूने जिगर के बग़ैरNaqsh hain sab naa-tamaam, khoon-e-jigar ke baghair
naghma hai saudaaye khaam, khoon-e-jigar...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
हज़रत हमज़ा (रज़ि.) का इस्लाम क़ुबूल करना
Hamza Embraces Islam || Maulana Ejaz Ahmed Aslam || SADAA Timesहज़रत हमज़ा (रज़ि.) का इस्लाम क़ुबूल करनाबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)अल्लाहुम-म सल्ले अला मुहम्मदिवँ वला आले मुहम्मद व बारिक वसल्लम।“ऐ अल्लह, रहमत (दयालुता) की बारिश कर मुहम्मद (सल्ल.)...
डॉ. अल्लामा इकबाल
सूरते शमशीर है दस्ते क़ज़ा में वह क़ौम || Dr Allama Iqbal
صورتِ شمشیٖر ہے دستِ قضا میں وہ قوم
کرتی ہے جوہر زماں اپنے عمل کا حساب
सूरते शमशीर है दस्ते क़ज़ा में वह क़ौम
करती है जो हर ज़मान अपने अमल का हिसाबSoorat-e-shamsheer hai dast-e-qaza mein wo qaum
karti hai jo har zaman...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के मुअज़्ज़िन बिलाल (रज़ि.)
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के मुअज़्ज़िन बिलाल (रज़ि.)बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।हज़रत बिलाल (रज़ि.) हब्शा (इथोपिया) के रहनेवाले हब्शी अर्थात् अश्वेत नस्ल के थे। वह उमैया-बिन-ख़ल्फ़ के ग़ुलाम थे, जो मक्का का...
डॉ. अल्लामा इकबाल
जिसमें न हो इंक़लाब, मौत है वह ज़िन्दगी || Dr Allama Iqbal
جس میں نہ ہو انقلاب، موت ہے وہ زندگی
روحِ اُمَم کی حیات کشمکش انقلاب
जिसमें न हो इंक़लाब, मौत है वह ज़िन्दगी
रुहे-उमम की हयात कश-म-कश इंक़लाबJismein na ho inqalaab, maut hai woh zindagi
roh-e-umam ki hayaat kash-ma-kash inqalaab
الفاظ و معنی:۔
انقلاب: تغیر،...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
सहाबी ख़ब्बाब (रज़ि.) की आज़माइशें
सहाबी ख़ब्बाब (रज़ि.) की आज़माइशेंबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको,आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है ‘सहाबी ख़ब्बाब (रज़ि.) की आज़माइशें’। हज़रत ख़ब्बाब (रज़ि.) उम्मे-अन्मार के ग़ुलाम थे। उस ज़माने में महिलाएँ भी बहुत सशक्त होती थीं। आज...
डॉ. अल्लामा इकबाल
मीरी में, फ़क़ीरी में, शाही में, ग़ुलामी में || Dr Allama Iqbal
میٖری میں، فقیری میں، شاہی میں، غلامی میں
کچھ کام نہیں بنتا بے جُرأتِ رِندانہ
मीरी में, फ़क़ीरी में, शाही में, ग़ुलामी में
कुछ काम नहीं बनता, बे जुरते रिंदानाMeri mein, faqeeri mein, shahi mein, ghulami mein
kuch kaam nahin banta be-jurat-e-rindana
الفاظ و...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
सहाबा (रज़ि.) को सख़्त प्रताड़नाएँ देना
सहाबा (रज़ि.) को सख़्त प्रताड़नाएँ देनाप्रिय दर्शको,आज आपके सामने कुछ घटनाएँ प्रस्तुत की जाएँगी नबी (सल्ल.) के साथियों को किस प्रकार से सताया गया, और किस तरह से उन्हें अल्लाह के मार्ग में प्रताड़ित किया गया। हज़रत अम्मार (रज़ि.),...
डॉ. अल्लामा इकबाल
तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा || Dr Allama Iqbal
تٗو شاہیں ہے، پَرواز ہے کام تیرا
تِرے سامنے آسماں اور بھی ہیں
तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा
तेरे सामने आसमाँ और भी हैंTu shaheen hai, parwaaz hai kaam tera
tere saamne aasmaan aur bhi hain
الفاظ و معنی:۔
شاہیں: باز کی طرح...
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