نقش ہیں سب ناتمام، خونِ جگر کے بغیر
نغمہ ہے َسودائے خام، خونِ جگر کے بغیر
नक़श हैं सब नातमाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर
नग़मा है सौदाए खाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर
Naqsh hain sab naa-tamaam, khoon-e-jigar ke baghair
naghma hai saudaaye khaam, khoon-e-jigar...
Hamza Embraces Islam || Maulana Ejaz Ahmed Aslam || SADAA Times
हज़रत हमज़ा (रज़ि.) का इस्लाम क़ुबूल करना
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
अल्लाहुम-म सल्ले अला मुहम्मदिवँ वला आले मुहम्मद व बारिक वसल्लम।
“ऐ अल्लह, रहमत (दयालुता) की बारिश कर मुहम्मद (सल्ल.)...
صورتِ شمشیٖر ہے دستِ قضا میں وہ قوم
کرتی ہے جوہر زماں اپنے عمل کا حساب
सूरते शमशीर है दस्ते क़ज़ा में वह क़ौम
करती है जो हर ज़मान अपने अमल का हिसाब
Soorat-e-shamsheer hai dast-e-qaza mein wo qaum
karti hai jo har zaman...
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के मुअज़्ज़िन बिलाल (रज़ि.)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
हज़रत बिलाल (रज़ि.) हब्शा (इथोपिया) के रहनेवाले हब्शी अर्थात् अश्वेत नस्ल के थे। वह उमैया-बिन-ख़ल्फ़ के ग़ुलाम थे, जो मक्का का...
جس میں نہ ہو انقلاب، موت ہے وہ زندگی
روحِ اُمَم کی حیات کشمکش انقلاب
जिसमें न हो इंक़लाब, मौत है वह ज़िन्दगी
रुहे-उमम की हयात कश-म-कश इंक़लाब
Jismein na ho inqalaab, maut hai woh zindagi
roh-e-umam ki hayaat kash-ma-kash inqalaab
الفاظ و معنی:۔
انقلاب: تغیر،...
सहाबी ख़ब्बाब (रज़ि.) की आज़माइशें
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है ‘सहाबी ख़ब्बाब (रज़ि.) की आज़माइशें’। हज़रत ख़ब्बाब (रज़ि.) उम्मे-अन्मार के ग़ुलाम थे। उस ज़माने में महिलाएँ भी बहुत सशक्त होती थीं। आज...
میٖری میں، فقیری میں، شاہی میں، غلامی میں
کچھ کام نہیں بنتا بے جُرأتِ رِندانہ
मीरी में, फ़क़ीरी में, शाही में, ग़ुलामी में
कुछ काम नहीं बनता, बे जुरते रिंदाना
Meri mein, faqeeri mein, shahi mein, ghulami mein
kuch kaam nahin banta be-jurat-e-rindana
الفاظ و...
सहाबा (रज़ि.) को सख़्त प्रताड़नाएँ देना
प्रिय दर्शको,
आज आपके सामने कुछ घटनाएँ प्रस्तुत की जाएँगी नबी (सल्ल.) के साथियों को किस प्रकार से सताया गया, और किस तरह से उन्हें अल्लाह के मार्ग में प्रताड़ित किया गया। हज़रत अम्मार (रज़ि.),...
تٗو شاہیں ہے، پَرواز ہے کام تیرا
تِرے سامنے آسماں اور بھی ہیں
तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं
Tu shaheen hai, parwaaz hai kaam tera
tere saamne aasmaan aur bhi hain
الفاظ و معنی:۔
شاہیں: باز کی طرح...
अबू-जहल की शरारतें
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है, ‘अबू-जहल की शरारतें’।
अबू-जहल आप (सल्ल.) का रिश्ते का चचा था (जबकि अबू-लहब आपका सगा चचा था), वह एक धनी व्यापारी था और क़ुरैश का...